गोरखपुर, स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआइटी) ने ओवरलोड ट्रकों से वसूली मामले की जांच शुरू कर दी है। एसआइटी लखनऊ टीम के सिपाही ने मंगलवार को गोरखपुर पहुंचकर कागजी औपचारिकताएं पूरी कीं। उधर, जेल में बंद आरोपितों को भी लखनऊ जेल शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है।
यह हुए गिरफ्तार
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने 24 जनवरी को ओवरलोड ट्रकों से वसूली करने वाले गैंग का पर्दाफाश किया था। इस मामले में बेलीपार के मेहरौली स्थित मधुबन होटल पर दबिश देकर धर्मपाल सिंह, सिब्बू ढाबा के मालिक मनीष उर्फ सिब्बू सिंह, विवेक सिंह उर्फ सिक्कू, श्रवण कुमार गौड़, राम सजन पासवान और देवरिया के कपरवारघाट निवासी शैलेष मल्ल को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट के आदेश पर इन सभी को जेल भेज दिया गया। एसटीएफ ने आरटीओ के अधिकारियों, सिपाहियों और दलालों के खिलाफ भी बेलीपार थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
17 फरवरी को हुई थी गिरफ्तारी
17 फरवरी को जिला स्तर पर गठित एसआइटी के प्रभारी व सीओ कैंट सुमित शुक्ला ने बस्ती के पीटीओ/एआरटीओ प्रवर्तन शैलेंद्र तिवारी, संतकबीरनगर के संदीप चौधरी, चालक उत्तम चंद और देवरिया आरटीओ कार्यालय में तैनात सिपाही अनिल कुमार शुक्ला को गैंग से जुड़े होने के आरोप में गिरफ्तार किया और उन्हें भी जेल भेज दिया गया। 12 मार्च को मुकदमे की विवेचना एसआइटी थाना लखनऊ को स्थानांतरित कर दी गई।
22 मार्च तक लखनऊ जेल में शिफ्ट होंगे आरोपित
एसआइटी प्रभारी के निर्देश पर मंगलवार को जहां जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाया गया वहीं गोरखपुर जेल में बंद सरगना धर्मपाल सिंह, दो पीटीओ (यात्री कर अधिकारी) समेत 10 आरोपितों को लखनऊ शिफ्ट करने की तैयारी भी शुरू हो गई। 22 मार्च तक सभी आरोपितों को लखनऊ जेल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।